
क्या फैटी लीवर को रोका जा सकता है?
फैटी लीवर क्या है?
फैटी लीवर (Fatty Liver) एक ऐसी स्थिति है जिसमें लिवर की कोशिकाओं में अत्यधिक मात्रा में वसा (Fat) जमा हो जाती है। यह बीमारी दो प्रकार की होती है:
- नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लीवर डिज़ीज़ (NAFLD)
- अल्कोहोलिक फैटी लीवर डिज़ीज़ (AFLD)
अगर समय रहते इस पर ध्यान न दिया जाए, तो यह सिरोसिस, लिवर फेलियर और यहां तक कि लिवर कैंसर का कारण बन सकता है।
क्या फैटी लीवर को रोका जा सकता है?
हाँ, फैटी लीवर को शुरूआती अवस्था में पूरी तरह रोका जा सकता है। इसके लिए जरूरी है:
✅ 1. संतुलित आहार अपनाएं
- ताजे फल और सब्जियाँ
- फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ
- कम वसा और कम शर्करा वाला भोजन
- प्रोसेस्ड और जंक फूड से परहेज
✅ 2. वजन नियंत्रित रखें
- मोटापा खासकर पेट की चर्बी, फैटी लीवर का मुख्य कारण है
- BMI को सामान्य बनाए रखना जरूरी है
✅ 3. नियमित व्यायाम करें
- हर दिन कम से कम 30 मिनट तेज़ चलना, दौड़ना, या योग करना
- एक्टिव लाइफस्टाइल फैटी लीवर से बचाव में सहायक है
✅ 4. शराब से दूरी बनाएं
- यदि आपके लिवर पर पहले से कोई प्रभाव है, तो शराब पूरी तरह बंद करना चाहिए
✅ 5. ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करें
- डायबिटीज़ और हाई कोलेस्ट्रॉल फैटी लीवर को बढ़ावा देते हैं
- नियमित जांच और दवाओं का पालन ज़रूरी है
जीवनशैली में बदलाव से कैसे मिलेगा लाभ?
फैटी लीवर की रोकथाम लाइफस्टाइल मॉडिफिकेशन से संभव है। सही खानपान, शारीरिक सक्रियता और समय पर हेल्थ चेकअप मिलकर लिवर को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाते हैं।
कब डॉक्टर से मिलना चाहिए?
- लगातार थकान
- पेट के ऊपरी दाएं हिस्से में दर्द
- भूख की कमी
- वजन तेजी से कम होना
- या यदि आपके ब्लड रिपोर्ट में लिवर एंजाइम असामान्य दिखें
तो बिना देर किए डॉक्टर से सलाह लें।
निष्कर्ष
फैटी लीवर कोई लाइलाज रोग नहीं है, बल्कि इसे रोका और प्रारंभिक अवस्था में ठीक भी किया जा सकता है। जागरूकता, स्वस्थ जीवनशैली और नियमित जांच से आप इस "साइलेंट थ्रेट" से पूरी तरह बच सकते हैं।