फैटी लिवर रोग खतरनाक क्यों है?

फैटी लिवर रोग खतरनाक क्यों है?

फैटी लिवर क्या होता है?

फैटी लिवर एक ऐसी स्थिति है जिसमें लिवर की कोशिकाओं में अत्यधिक वसा जमा हो जाती है। यह दो प्रकार का होता है:

  • नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD)
  • अल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजीज (AFLD)

शुरुआत में यह रोग सामान्य लग सकता है, लेकिन समय के साथ यह कई गंभीर समस्याओं को जन्म दे सकता है।


फैटी लिवर रोग खतरनाक क्यों है?

1. साइलेंट डिजीज – बिना लक्षणों के प्रगति

फैटी लिवर लंबे समय तक बिना किसी लक्षण के विकसित हो सकता है। जब तक लक्षण सामने आते हैं, तब तक लिवर को गंभीर नुकसान हो चुका होता है।

2. सिरोसिस का खतरा

अगर फैटी लिवर का इलाज समय पर न किया जाए, तो यह सिरोसिस (लिवर की कोशिकाओं का स्थायी नुकसान और फाइब्रॉसिस) का कारण बन सकता है, जो लिवर फेलियर तक ले जा सकता है।

3. लिवर कैंसर की संभावना

NAFLD और NASH (नॉन-अल्कोहोलिक स्टीटोहेपेटाइटिस) दोनों ही स्थितियां लिवर कैंसर (Hepatocellular Carcinoma) के जोखिम को बढ़ा सकती हैं।

4. अन्य अंगों पर प्रभाव

फैटी लिवर का संबंध हृदय रोग, टाइप 2 डायबिटीज़ और मेटाबोलिक सिंड्रोम से भी जुड़ा हुआ है, जिससे यह केवल लिवर ही नहीं बल्कि पूरे शरीर के लिए खतरा बन सकता है।

5. जीवन की गुणवत्ता में गिरावट

इस बीमारी के कारण थकान, वजन घटना, मांसपेशियों की कमजोरी और जीवनशैली में कई तरह की बाधाएं उत्पन्न हो जाती हैं।

क्या फैटी लिवर से बचा जा सकता है?

हाँ, अगर सही समय पर जीवनशैली में बदलाव किया जाए — जैसे संतुलित आहार, व्यायाम, शराब से दूरी और नियमित जांच — तो फैटी लिवर को रोका और नियंत्रित किया जा सकता है।

निष्कर्ष:

फैटी लिवर केवल एक साधारण लिवर समस्या नहीं है, यह समय के साथ गंभीर और जानलेवा साबित हो सकता है। इसलिए इसे नज़रअंदाज़ करना खतरनाक हो सकता है। समय रहते पहचान और सही कदम उठाना जरूरी है।

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