क्या फैटी लीवर एक नई महामारी बन रहा है? जानिए कारण

क्या फैटी लीवर एक नई महामारी बन रहा है? जानिए कारण

फैटी लीवर रोग क्या है?

फैटी लीवर डिज़ीज़ (Fatty Liver Disease) एक ऐसी स्थिति है जिसमें लिवर की कोशिकाओं में वसा (Fat) का अत्यधिक जमाव हो जाता है। जब यह वसा लिवर की 5% से अधिक कोशिकाओं में जमा हो, तो इसे मेडिकल रूप से फैटी लीवर माना जाता है। यह रोग दो प्रमुख प्रकारों में होता है:

  • नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लीवर डिज़ीज़ (NAFLD)
  • अल्कोहोलिक फैटी लीवर डिज़ीज़ (AFLD)

क्यों कहा जा रहा है इसे “नई महामारी”?

फैटी लीवर रोग को विश्व स्तर पर स्वास्थ्य विशेषज्ञ “साइलेंट महामारी (Silent Epidemic)” मान रहे हैं। इसके पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं:

1. तेजी से बढ़ता प्रसार

  • भारत में हर 3 में से 1 व्यक्ति फैटी लीवर से प्रभावित हो सकता है
  • शहरी इलाकों में यह संख्या और भी अधिक है
  • बच्चों और युवाओं में भी इसके मामले बढ़ रहे हैं

2. लक्षणों का न दिखना

  • प्रारंभिक अवस्था में फैटी लीवर कोई लक्षण नहीं देता
  • लोग तब तक अनजान रहते हैं जब तक रोग गंभीर न हो जाए

3. अन्य बीमारियों से संबंध

  • टाइप 2 डायबिटीज़
  • मोटापा
  • हाई कोलेस्ट्रॉल
  • हृदय रोग

इन सभी के साथ फैटी लीवर का संबंध पाया गया है, जिससे यह लाइफस्टाइल डिज़ीज़ क्लस्टर का हिस्सा बन गया है।

किन कारणों से फैटी लीवर महामारी बन रहा है?

अस्वस्थ जीवनशैली

  • जंक फूड, शुगर और प्रोसेस्ड फूड का अधिक सेवन
  • बैठे रहने वाली जीवनशैली
  • फिजिकल एक्टिविटी की कमी

मोटापा और ओवरवेट की बढ़ती दर

  • खासकर पेट की चर्बी लिवर पर सीधा असर डालती है

अनियंत्रित डायबिटीज़ और हाई कोलेस्ट्रॉल

  • ये मेटाबॉलिक डिसऑर्डर फैटी लीवर के प्रमुख कारण हैं

क्या फैटी लीवर को रोका जा सकता है?

हाँ, यह रोग शुरुआती चरण में रोका और उलटा भी जा सकता है, यदि:

  • समय पर निदान किया जाए
  • वजन नियंत्रित रखा जाए
  • संतुलित आहार और नियमित व्यायाम अपनाया जाए
  • शराब और जंक फूड से दूरी बनाई जाए
  • ब्लड शुगर और लिवर फंक्शन की नियमित जांच की जाए

निष्कर्ष

फैटी लीवर अब केवल एक बीमारी नहीं, बल्कि एक गंभीर और तेजी से फैलती स्वास्थ्य चुनौती बन गया है। यदि समय रहते इसकी पहचान और रोकथाम नहीं की गई, तो यह अगली बड़ी स्वास्थ्य महामारी बन सकता है।

इसलिए जरूरी है कि हम जागरूक हों, जीवनशैली में बदलाव करें और फैटी लीवर की जांच को नियमित रूप से करवाएं।

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